एक दोस्त़ दिल की हर बात कह सकूं पास उसके आकर
एक दोस्त़ समझे मुझे जो सब बातों से परे जाकर
करूँ मैं गलती तो नाराज़ भी हो मुझ पर
लेकिन वो मान जाए मुझको शर्मिन्दा पाकर
एक दोस्त जो दोस्त से ज़्यादा और कुछ भी ना हो
एक दोस्त जिससे ज़्यादा और कुछ भी ना हो
एक दोस्त जिसको देख कर अपने पर हो नाज़
एक दोस्त जो पास आए जब मेरा दिल हो उदास
एक दोस्त जिसके लिए दिल चाहे सब कुछ करना
एक दोस्त जिसके लिए मर जाएं हम ग़र पड़े मरना
एक दोस्त जिसकी दोस्ती की ना हो कोई मिसाल
एक दोस्त बेसाख़्ता आ जाए जिसका ख़्याल
एक दोस्त करूँ दुआ जिसके लिए हर घड़ी हर पहर
एक दोस्त जो याद आए सुबह शाम रात और सहर
एक दोस्त जो कभी हँसाए तो कभी करे हैरान
एक दोस्त समझ सके जो कि मैं हूँ कुछ परेशान
एक दोस्त जो फरिश्ते सी हो महान
एक दोस्त जिसकी दोस्ती ही हो उसकी पहचान
ज़िन्दगी में दोस्तों की कोई कमी ना थी
दोस्त तो थे बहुत पर एक सखी ना थी
एक दोस्त की दिल में ऐसी कोई छवि ना थी
एक दोस्त मेरी जब तक माधवी ना थी